राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक नीति है जिसका मुख्य उद्देश्य है देश के सभी नागरिकों को पौष्टिक और पर्याप्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना। इस नीति के तहत, सरकार विभिन्न कदम उठाती है जैसे कि खाद्य उत्पादन और उद्योग, खाद्य संगठनों का प्रबंधन, खाद्य निर्यात और आयात, खाद्य संगठनों के लिए वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा कानूनों का अंमलन आदि।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के माध्यम से, सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले और माध्यमिक आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करती है। इन योजनाओं में शामिल हो सकते हैं 

खाद्य अनुदान योजना, मिड-डे मील योजना, अन्नपूर्णा योजना, पोषण अभियान, महिला एवं बाल विकास योजना, दूध योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम आदि।

इन सभी कदमों का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को स्थायी और सुरक्षित राशन सप्लाई और खाद्य सुरक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।


बुनियादी खाद्य सुरक्षा को लेकर निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण मापदंड हो सकते हैं:

1. खाद्य संरक्षण: यह मापदंड खाद्यान्न की सुरक्षा, उपादानों की बराबरीपूर्णता, उच्च गुणवत्ता और उपयोग की अवधि को सुनिश्चित करने के लिए है। खाद्य संरक्षण उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए खाद्य उत्पादों के उचित संग्रहण, प्रसंस्करण, परिपक्वता, पैकेजिंग और परिवहन की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

2. पोषण: यह मापदंड भोजन में पूर्ण आहार, पोषण की गुणवत्ता, पोषक तत्वों की सही मात्रा और आहार सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है। यह मानव स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है और सुरक्षित, प्राकृतिक और पोषणपूर्ण खाद्य पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पोषणीय खाद्यान्न के उत्पादन, पहुंच और उपभोग को समर्थन करता है।

खाद्य सुरक्षा कई पहलुओं पर आधारित होती है। यहां कुछ महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा के पहलुओं की संक्षेप में वर्णन किया गया है:

1. उपज की सुरक्षा: यह सुनिश्चित करती है कि कृषि उत्पादन में पर्याप्त मात्रा और गुणवत्ता होती है। इसमें कृषि उत्पादन को सुरक्षित करने के लिए जलवायु विशेषताओं, बीजों, उर्वरकों, पेशेवर कृषि तकनीकों, पशुपालन, पानी संरक्षण, बागवानी और तकनीकी उन्नति को ध्यान में रखा जाता है।

2. पहुंच की सुरक्षा: यह खाद्य सामग्री के उचित समय और उचित स्थान पर पहुंचने की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। इसके लिए भंडारण, प्रबंधन, वितरण, भंडारण संरक्षण, लॉजिस्टिक्स, अधिकारीकरण, और अन्य संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों का उद्घाटन किया जाता है।

3. पहुंचभर सुरक्षा: इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि खाद्य सामग्री के उपयोग में कोई हानिकारक पदार्थ या जीवाणु न हों। इसके लिए उचित प्रोसेसिंग, खाद

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